मैं बादल हूँ, मुझे बड़ा अभिमान है!
मैं बादल हूँ, मैं बादल हूँ, मुझे बड़ा अभिमान है
मैं बादल हूँ, मैं बादल हूँ मेरे बड़े अहसान है।
मैं न बरसूं मैं न ग़रजू, तो पानी को तरस जाओ,
मैं न बरसूं मैं न ग़रजू, तो तुम अन कहा से लाओ।
नीले नीले आसमान को काले काले घेरों से ढक लेता हूँ,
सड़के, गलियें, चौपालों पर खूब धूम मचा देता हूँ।
यही मेरी शान है, यही मेरी आन है, मुझे बड़ा अभिमान है,
मैं बादल हूँ, मैं बादल हूँ, मुझे बड़ा अभिमान है।
मैं जब बरसूं मैं जब गरजू, तभी तो हरयाली छाये,
मैं जब बरसूं मैं जब गरजू, तभी तो खेत लहरायें।
ऊंचे ऊंचे पर्वतो से जब भी मैं टकराता हूँ,
सबके मन को भाता हूँ।
झीलें नदियां तालाबो को सूखे से बचाता हूँ,
सब के मन को भाता हूँ।
मैं बादल हूँ, मैं बादल हूँ, मुझे बड़ा अभिमान हैं।
मैं बादल हूँ, मैं बादल हूँ, मेरे बड़े अहसान हैं।
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