दोस्तों अनुशासन का मतलब यह नहीं होता की हम किसी तरह के नियम कायदे के गुलाम हो गए हैं, बल्कि अनुशासन हमें इसलिए जरुरी है ताकि हम किस काम को सही तरीके से सम्पादित कर सकें|दोस्तों आज हम Pahals.in पर अनुशासन के महत्व को एक बेहतरीन कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपके जीवन में अनुशासन की नीव डालने में मददगार साबित होगा|
तो चलिए शुरू करते है यह अनोखी कविता जिसका शीर्षक है ” अनुशासित चींटी ”
चल–चलकर चींटी ना थकती, करती अनुशासन की भक्ति।
खुद से ज्यादा बोझ उठाकर, आसमान को लक्ष्य बनाकर।
प्रति पल आगे बढ़ती जाती, कर्मभाव हमको सिखलाती।
गजब दृढ़ आदर्श हैं उसके, साथी कभी मार्ग ना भटके।
दृढ़ निश्चय कर वह बलखाती, प्रेमभाव से पंक्ति बनाती।
प्रति पल आगे बढ़ाती जाती, कर्मभाव हमको सिखलाती।
लिखे निरंतर ऐसी गाथा, ठोंक रहा था भूपति माथा।
सदा पराजय उसके हाथ, मिला उसे चींटी का साथ।
दृढ़ निश्चय कर कदम बढ़ाया, विजय स्वयं उसके कर आया।
यही मंत्र वह हमें बताती, लक्ष्य निरंतर उसको भाती।
प्रति पल आगे बढ़ाती जाती, कर्मभाव हमको सिखलाती।
जीवन में अनुशासन का महत्व हमें चींटियों से सीखना चाहिए, जिस तरह चींटिया बिना थके, बिना रुके, अपने काम को सम्पादित करती हैं, और अंत में सफलता प्राप्त करती हैं, उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में अनुशासन को सर्वोपरि रखना चाहिए|
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