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“आप कल भी बेहतर थे, और आज भी बेहतर हैं ”

आप कल भी बेहतर थे, और आज भी बेहतर हैं

जैसा की हम सभी मानते हैं की
इंसान की कीमत उसके काबिलियत पर Depend करती है| Race में भागने वाले इंसान हमेशा भागते ही रह जाते है इसलिए दोस्तों रेस के पीछे मत भागो काबिल बनो , सफलता खुद-ब-खुद आपके पास आएगी | दोस्तों आज हम ऐसी ही एक कहानी लेकर आये हैं जिससे किसी चीज की  वैल्यू किस हद तक अच्छी हो सकती है पता चलेगा| तो गौर से सुनिए ,क्या पता यह कहानी आपके सोचने का आपके सोचने का नजरिया ही बदल दे|
कहानी का शीर्षक है  ” आप कल भी बेहतर थे, और आज भी बेहतर हैं ”

एकबार एक टीचर क्लास में पढ़ा रहे थे| बच्चों को कुछ नया सिखाने के लिए टीचर ने जेब से 100 रुपये का एक नोट निकाला| अब बच्चों की तरफ वह नोट दिखाकर कहा – क्या आप लोग बता सकते हैं कि यह कितने रुपये का नोट है ?

सभी बच्चों ने कहा – “100 रुपये का”
टीचर – इस नोट को कौन कौन लेना चाहेगा ? सभी बच्चों ने हाथ खड़ा कर दिया|
अब उस टीचर ने उस नोट को मुट्ठी में बंद करके बुरी तरह मसला जिससे वह नोट बुरी तरह कुचल सा गया| अब टीचर ने फिर से बच्चों को नोट दिखाकर कहा कि अब यह नोट कुचल सा गया है अब इसे कौन लेना चाहेगा ? सभी बच्चों ने फिर हाथ उठा दिया।

दोस्तों किसी ने बहुत ही सही कहा है:
“आपके संकल्प का आगाज ,
ही होता है आपके अंतर्मन की आवाज
करते रहिये अपने काबिलियत पर  नाज ,
क्यकी तभी कर सकते हो चुनौतियों पर राज |”

दोस्तों हर किसी को अपनी लाइफ में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है अक्सर हम अपने हालातो से या  इन मुश्किलों से घबराकर अपने रास्ते बदल देते है और हमारी काबिलियत इन सब में कही दब कर रह जाती है|दोस्तों हर इंसान में कोई न कोई काबिलियत जरूर होती है बस हमें अपने काबिलियत को अपने  प्रयासों के द्वारा हमेशा बकरार रखना चाहिए और किसी भी हालत में अपनी वैल्यू नहीं गवानी चाहिए |
चलिए कहानी में आगे बढ़ते है ?

अब उस टीचर ने उस नोट को जमीन पर फेंका और अपने जूते से बुरी तरह कुचला| फिर टीचर ने नोट उठाकर फिर से बच्चों को दिखाया और पूछा कि अब इसे कौन लेना चाहेगा ? सभी बच्चों ने फिर से हाथ उठा दिया|अब टीचर ने कहा कि बच्चों आज मैंने तुमको एक बहुत बड़ा पाठ पढ़ाया है| ये 100 रुपये का नोट था, जब मैंने इसे हाथ से कुचला तो ये नोट कुचल गया लेकिन इसकी कीमत 100 रुपये ही रही, इसके बाद जब मैंने इसे जूते से मसला तो ये नोट गन्दा हो गया लेकिन फिर भी इसकी कीमत 100 रुपये ही रही|

William Shakespeare ने  कितना अच्छा कहा है :
”It is not in the stars to hold our destiny
but in ourselves”

हमे भी अपने मेहनत को हमेशा बरकरार रखना चाहिए| पूरे ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए, क्यूंकि काबिल इंसान ही हर जगह वैल्यू पाता है |तो अपने selfconfidence को मजबूत रखे और याद रखे  “आप कल भी बेहतर थे और आज भी बेहतर हैं|”

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दोस्तों किसी ने बहुत ही सही कहा है:




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