दोस्तों अनुशासन के दो महत्वपूर्ण फैक्टर होते है : “नियम और कायदे” एक खुशहाल और सफल जीवन यापन के लिए आपके दैनिक जीवन में अनुशासन का होना बहुत जरुरी है, क्यूंकि दुनिया की हर एक चीज अनुशासन से चलती है| जैसे:- रात दिन हमेशा अपने समय पर ही होते है , ठण्ड-गर्मी,बरसात के मौसम सदैव अपने समय पर होते है|यहाँ तक की किसान के हर एक फसल के उगने का एक समय तय रहता है| उसी तरह आपके जीवन में भी अनुशासन का होना बहुत जरुरी है| क्यूंकि अगर आप balance life चाहते है, तो यह जरुरी है की आपका दैनिक जीवन अनुशासन से पूरी तरह परिपूर्ण हो|
जैसे प्रकृत ने हर एक चीज का एक निश्चित समय तय करके रखा है, ठीक वैसे ही हमें भी अपने Life में हर चीज अनुशासन को मद्देनजर रखकर करना चाहिए|क्युकी किसी भी काम को करने के लिए उसमे सबसे ज्यादा जरूरत अनुशासन की होती है|अगर आप कोई काम अनुशासनपूर्वक करते है तो निश्चित रूप से आप उस काम में सफलता प्राप्त करेंगे|
महात्मा गांधी ने कहा है :
“ अनुशासन शुद्धिकरण कि वह अग्नि है, जिसमें निपुणता योग्यता बन जाती है.”
दोस्तों अनुशासन हमारे शरीर ,दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करने की एक क्रिया है| जो हमारे दिमाग को अनुशासन में रह कर हर नियम कायदे को मानने के लिए तैयार करती है हमें बचपन से ही अनुशासन में रहना सिखाया जाता है, क्युकी अगर हम बचपन से ही अपनी आदतों में अनुशासन को महत्व देंगे तो हमें पूरी लाइफ किसी भी तरह के नियम कायदो को अपनाने में मुश्किल नहीं होगी और हम आसानी से अपना हर काम अनुशासन के साथ सफलतापूर्वक कर सकेगें | दोस्तों हमने अपने लाइफ में अपने जरुरत और समझदारी के हिसाब से कभी ना कभी अनुशासन के महत्व को अनुभव जरूर ही किया होगा | जो की दो तरह से हो सकता है एक तो वो जो हमें बाहरी समाज को देख कर अनुभव होता है और दूसरा वो जो हमें जीवन की परिस्थितियों से अनुभव होता है | अनुशासन के महत्त्व पता चलने के तरीके भले ही कोई भी हो पर हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते की जीवन में अनुशासन कितना जरुरी है | हालाँकि कई बार हमें अपने आदतों के सुधार के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों से प्रेरणा की जरूरत भी पड़ती है, जो हमें सिखलाते है की जीवन में चुनौतियों का सामना करने के लिए अनुशासित रहना कितना जरुरी है|
पर कई बार हम दुसरो की सफलता देख कर शॉर्टकट तरीके अपनाने लग जाते है और अनुशासनहीनता की ओर अग्रसीत हो जाते है जिससे हमारे जीवन में बहुत सारी समस्या उत्पन्न हो जाती है और हमें आलसी एवं गैरजिम्मेदार बना देती है| इससे हमारा self-confidence कम होने लगता है, और हम जीवन में हताश निराश हो जाते है|
इसलिए हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए तथा अपने पेरेंट्स ,टीचर ,सीनियर ,के आदेशों का हमेशा पालन करना चाहिए| अनुशासन का पालन करने में कई बार आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है परन्तु अंत में आपको सफलता अवस्य प्राप्त होगी |
स्वामी विवेकानंद ने कहा है :
“ आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी और उच्च मानवीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता “.
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