कितनी प्यारी कितनी अच्छी, माँ तू है कितनी सच्ची!
कितनी प्यारी कितनी अच्छी, माँ तू है कितनी सच्ची।
कितनी प्यारी कितनी अच्छी, माँ तू है कितनी सच्ची।
माँ तेरे उपकारों का कोई मोल नही है,
माँ तेरे प्यार का कोई तोल नही है।
ऐ माँ तेरे पैरो के नीचे जन्नत है,
लेकिन तेरे मुँह पे मेरे लिये ही मन्नत है।
माँ तू हमे हर पल सम्भालती है,
माँ तू हर मुश्किल को टालती है।
माँ तूने हमे उंगली पकड़ कर चलना सिखाया,
जब भी हम गिरे उठाया है तूने,
हर मुश्किल से लड़ना सिखाया है तूने,
माँ का लफ़्ज़ों में कोई बयान नही है,
माँ के जैसा दुनिया मे कोई महान नही है।
कितनी प्यारी कितनी अच्छी, माँ तू है कितनी सच्ची।
कितनी प्यारी कितनी अच्छी, माँ तू है कितनी अच्छी।
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