फाल्गुन माह में आने वाला रंगो का यह त्यौहार भारत और नेपाल के क्षेत्रों में बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है|और इसे वसंत का संदेशवाहक भी कहते है| होली 2 दिन तक मनाया जाने वाला त्यौहार है पहले दिन होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है और दूसरे दिन धूलिवंदन के रूप में रंगो के साथ होली खेल कर मानते है|
दोस्तों आज हम pahals.in पर होली के हर्षोल्लास को एक बेहतरीन कविता के माध्यम से प्रस्तुत करने जा रहे हैं |तो शुरू करते है आज की यह अनोखी कविता जिसका शीर्षक है: “ होली है आई “
देखो-देखो होली है आई,
चुन्नू-मुन्नू के चेहरे पर खुशियां हैं आई,
मौसम ने ली है अंगड़ाई।
शीत ऋतु की हो रही है बिदाई
ग्रीष्म ऋतु की आहट है आई
सूरज की किरणों ने उष्णता है दिखलाई
देखो-देखो होली है आई।
बच्चों ने होली की योजना खूब है बनाई
रंगबिरंगी पिचकारियां बाबा से है मंगवाई
रंगों और गुलाल की सूची है रखवाई
जिसकी काका ने अनुमति है नहीं दिलवाई।
दादाजी ने प्राकृतिक रंगों की बात है समझाई
जिस पर सभी बच्चों ने सहमति है जतलाई
बच्चों ने खूब मिठाइयां खाकर शहर में खूब धूम है मचाई
देखो-देखो होली है आई।
होली ने भक्त प्रहलाद की स्मृति है करवाई
बच्चों और बड़ों ने कचरे और अवगुणों की होली है जलाई
होली ने कर दी है अनबन की सफाई
जिसने दी है प्रेम की जड़ों को गहराई।
देखो-देखो होली है आई।
होली के त्यौहार का सबसे ज्यादा क्रेज बच्चो को होता है क्यूंकि होली के दिन उन्हें मस्ती करने की फुल आजादी मिल जाती है और साथ ही साथ उनके फेवरिट मिठाईया भी बनती है| पर दोस्तों हमें होली पर सतर्क भी रहना चाहिए| क्यूंकि बहुत से लोग है जो होली के नाम पर नशेबाजी, भाग–ठंडाई, मदिरापान इत्यादि जैसे पदार्थो का सेवन करके गलत हरकते करते है और होली के खुशनुमा वातावरण को ख़राब करते है|
Add Comment