Biographies

Stephen Hawking- A Journey Towards Success

Stephen Hawking- A Journey Towards Success
Stephen Hawking- A Journey Towards Success

स्टीफन हॉकिंग – एक यात्रा सफलता की ओर

जन्म- 8 जनवरी 1942, ऑक्सफोर्ड, इंग्लैण्ड
मृत्यु- 14 मार्च 2018 (उम्र 76)
आवास- यूनाइटेड किंगडम
शिक्षा- यूनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज
डॉक्टरी सलाहकार- डेनिस स्कियमा
उल्लेखनीय सम्मान- अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार (1978)
वॉल्फ प्राइज़ (1988)
प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवाडर्स (1989)
कोप्ले मेडल (2006)
प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम (2009)
विशिष्ट मूलभूत भौतिकी पुरस्कार (2012)

प्रसिद्ध भौतिक और ब्रह्माण्ड विज्ञानी, अदम्‍य जिजीविषा के धनी और लेखक स्टीफन विलियम हॉकिंग (Stephen William Hawking) पूरी दुनिया के प्रेरणा के केन्‍द्र थे। वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैधांतिक ब्रह्माण्ड विज्ञान केंद्र Centre For Theoretical Cosmology के शोध निर्देशक रहे। उन्‍होंने ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी की समझाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्‍त उन्‍होंने विकिरण radiation के क्षेत्र में भी महत्‍वपूर्ण योगदान दिया। शारीरिक रूप से पूर्णत: अक्षम होने के बावजूद उन्‍होंने दुनिया को यह दिखा दिया कि अगर व्‍यक्ति के भीतर हौसला हो, तो उसके लिए नामुमकिन कुछ भी नहीं है।

प्रारंभिक जीवन

स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को ऑक्सफोर्ड में फ्रैंक और इसाबेल एलेन हॉकिंग के घर हुआ था। अपने परिवार की वित्तीय बाधाओं के बावजूद, दोनों माता-पिता ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भाग लिया, जहां फ्रैंक ने दवा पढ़ी और इसाबेल ने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र पढ़ा। इसाबेल एक मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सचिव के रूप में काम करती थी, और फ्रैंक एक चिकित्सकीय शोधकर्ता थे। हॉकिंग की दो छोटी बहनें, फिलीपा और मैरी और एक गोद लिया भाई एडवर्ड फ्रैंक डेविड था।

इनका स्कूली जीवन बहुत मुश्किलों में बीता। वे शुरू में अपनी कक्षा में औसत से कम अंक पाने वाले छात्र थे। इनको गणित में दिलचस्पी थी, इसलिए उन्होंने गणितीय समीकरणों को हल करने के लिए कुछ लोगों की मदद से पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के हिस्सों से कंप्यूटर बना दिया था। वे गणित पढ़ना चाहते थे, लेकिन ऑक्सफोर्ड में मैथ न होने से फिजिक्स पढ़ना पड़ा।

बीमारी

21 साल का एक नौजवान जब दुनिया बदलने का ख़्वाब देख रहा था तभी कुदरत ने अचानक ऐसा झटका दिया कि वो अचानक चलते-चलते लड़खड़ा गया।

शुरुआत में लगा कि कोई मामूली दिक्कत होगी लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद एक ऐसी बीमारी का नाम बताया जिसने इस युवा वैज्ञानिक के होश उड़ा दिए।

स्टीफन हॉकिंग जब 21 साल के थे तब पता चला था कि उनको मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी है और अब वे कुछ महीने ही जिंदा रह पायेंगे। इस बीमारी में शरीर की नसों पर लगातार हमला होता है और शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति चल-फिर पाने की स्थिति में भी नहीं रह जाता है।

धीरे-धीरे उनको चलने-फिरने में समस्या होने लगी और उनकी आवाज भी लड़खड़ाने लगी। इस बीमारी के कारण शरीर के सारे अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते है और अंत में मरीज की मौत हो जाती है। उस समय डॉक्टरों ने कहा कि स्टीफन हॉकिंग दो वर्ष से अधिक नहीं जी पाएंगे और जल्द ही उनकी मौत हो जायेगी। इस बीमारी की वजह से धीरे-धीरे उनके शरीर ने काम करना बंद कर दिया और वे जिंदा लाश बनकर रह गये। लेकिन उन्होंने विकलांगता को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया। उन्होंने अपने शोध कार्य और सामान्य जिंदगी को रुकने नहीं दिया।

शादी

जनवरी 1965 में नये साल के जश्न में स्टीफन हाकिंग Stephen Hawking की मुलाकात जेन वाइल्ड से हुयी । जेन वाइल्ड को स्टीफन हाकिंग बहुत पसंद आये थे क्योंकि जेन को उनका खुशदिल स्वाभाव अच्छा लगता था । अस्पताल से लौटने पर जब स्टीफन हाकिंग की स्थिथि दयनीय हो गयी थी तब भी जेन का उनका साथ नही छोड़ा । जेन का अब एक ही लक्ष्य था कि वो स्टीफन हाकिंग की देखभाल करने में अपना जीवन व्यतीत कर दे । धीरे धीर दोनों में प्यार हो गया और साल 1965 में उनका विवाह हो गया । लेकिन उनकी शादी 30 वर्ष ही चली और 1995 में तलाक हो गया। जिसके बाद हॉकिंग ने अपनी नर्स ऐलेन मेसन से विवाह कर लिया था और साल 1995 में हुई ये शादी साल 2016 तक ही चली थी। हॉकिंग के कुल तीन बच्चे हैं।

स्टीफन हॉकिन्स की महत्वपूर्ण किताबें

1. ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम
2. द ग्रांड डिजाइन
3. यूनिवर्स इन नटशेल
4. माई ब्रीफ हिस्ट्री
5. द थ्योरी ऑफ एवरीथि‍ंग

स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु

हॉकिंग लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इस बीमारी के कारण उन्होंने अपने जीवन के 55 साल व्हील चेयर पर बताए हैं। लेकिन हॉकिंग ने इस बीमारी से ग्रस्त होने के बावजूद अपनी पढ़ाई को पूरा किया और एक सफल वैज्ञानिक बने। 14 मार्च को इस महान वैज्ञानिक ने अपनी अंतिम सांस इग्लैंड में ली है और इस दुनिया को अलविदा कह दिया है।

दोस्तों हम सभी को स्टीफन हॉकिंग के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और आपकी अक्षमताओं को भूल कर पूरी लगन और ईमानदारी से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लग जाना चाहिए। सफलता जरूर मिलेगी। दोस्तों हम उम्मीद करते है आपको हमारा ये Blog पसंद आया होगा, आप ऐसे ही और कई Blogs आप हमारी वेबसाइट पर पड़ सकते है। आपको यह Blog कैसा लगा हमे comments करके जरूर बताये। Thank You!

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